तूने फेसले ही फासले बढाने वाले किये थे , वरना कोई नहीं था, तुजसे ज्यादा करीब मेरे..।
Tag: शर्म शायरी
बड़ी मुश्किल से
बड़ी मुश्किल से सीखा है, खुश रहना उसके बगैर….!!अब सुना है, ये बात भी उसे परेशान करती हैं!!!!!
यूँ सामने आकर
यूँ सामने आकर ना बैठा करो,, सब्र तो सब्र है, हर बार नही होता!!!
ये न पूछ
ये न पूछ के शिकायतें कितनी है तुझसे ये बता के तेरा और कोई सितम बाकी तो नहीं …!!!
समझा जिसे सिर्फ
समझा जिसे सिर्फ इक दिल का सौदा, वो इश्क़ तो पूरा कारोबार निकला ।।
चंद लफ़्ज़ों की
चंद लफ़्ज़ों की तक्कल्लुफ़ में ये इश्क़ रुक गया…. वो इंतज़ार पे रुके रहे और मैं इक़रार पे रुक गया ।।
ये मशवरा है
ये मशवरा है की पत्थर बना के रख दिल को। ये आइना ही रहा तो जरूर टूटेगा।।
तेरे चले जाने से
तेरे चले जाने से, मुझे ग़ज़लो का हुनर आया, लिखा पहले भी बहुत,पर असर अब आया..!!
एक था राजा
एक था राजा, एक थी रानी, दोनों मर गए, खत्म कहानी कुछ याद आया, सबने भूतकाल में सुना होगा ! अब भविष्य की सुनो कोख से बेटी, धरती से पानी दोनों मिट गए, खत्म कहानी………
उदास दिल है
उदास दिल है मगर मिलता हूँ हर एक से हँसकर.. यही एक अजब हुनर सीखा है मैंने बहुत कुछ खो देने के बाद…