तुमने देखी है वो पेशानी वो रूखसार, वो होंठ, जिन्दगी जिनके तसव्वर में लुंटा दी मैंने।
Tag: शर्म शायरी
बहुत आसान है
बहुत आसान है पहचान इसकी…., अगर दुखता नहीं है तो “दिल” नहीं है….।
यूँ गुमसुम मत बैठो
यूँ गुमसुम मत बैठो पराये से लगते हो, मीठी बातें नहीं करना है तो चलो झगड़ा ही कर लो…!!
नजर का तीर है
तिरछी, नजर का तीर है, मुश्किल से निकलेगा, दिल साथ निकलेगा,अगर ये दिल से निकलेगा..
जुदाई की शाम आई थी
अभी अभी जो जुदाई की शाम आई थी हमें अजीब लगा ज़िन्दगी का ढल जाना|
इतने तो लम्हे भी
इतने तो लम्हे भी नही बिताये मेने तेरे संग.. जितनी रातो की निंद ले गये हो तुम छिन के..
फिर यूँ हुआ कि
फिर यूँ हुआ कि सब्र की उँगली पकड़कर हम..इतना चले कि रास्ते हैरान हो गए..
मेरे लिये ना सही
मेरे लिये ना सही इनके लिये आ जाओ …….. तेरा बेपनाह इन्तजार करती हैं आँखें ….
मुस्कुरा के चल दिये॥
दिल के टुकड़े टुकड़े करके, मुस्कुरा के चल दिये॥
दिल के सच्चे कुछ
दिल के सच्चे कुछ एहसास लिखते है, मामूली शब्दों में ही सही,कुछ खास लिखते हैं|