कमबख्त दिल भी

कमबख्त दिल भी कमाल करता है जब खाली खाली होता है, भर आता है!!

किसी रिश्ते में निखार

किसी रिश्ते में निखार, सिर्फ अच्छे समय में हाथ मिलाने से नहीं आता……….. बल्कि …… नाज़ुक समय में हाथ थामने से आता है…

काश यह जालिम जुदाई

काश यह जालिम जुदाई न होती! ऐ खुदा तूने यह चीज़ बनायीं न होती! न हम उनसे मिलते न प्यार होता! ज़िन्दगी जो अपनी थी वो परायी न होती!

वो दर्द ही क्या

वो दर्द ही क्या जो आँखों से बह जाए! वो खुशी ही क्या जो होठों पर रह जाए! कभी तो समझो मेरी खामोशी को! वो बात ही क्या जो लफ्ज़ आसानी से कह जायें!

अँधेरे ही थे

अँधेरे ही थे मेरे अपने भी अब रौशनी पाने को जी चाहता है रहो में भटक रहा था में अब तक अब अपनी मंजिल पाने को जी चाहता है।

तुम्हें ख़बर नहीं है

तुम्हें ख़बर नहीं है तुम्हें सोचने की ख़ातिर बहुत से काम हम कल पर छोड़ देते है|

परेशान तो हम भी

परेशान तो हम भी बहुत हैं लेकिन मुस्कुरा के जीने में क्या जाता है!

अपने किरदार को

अपने किरदार को मौसम से बचाकर रखना लौट के फुलो में वापिस नही आती खुशबू|

न मैं शायर हूँ

न मैं शायर हूँ, न मेरा शायरी से कोई वास्ता.., बस एक शौक बन गया है, तेरी यादों को बयां करना..!!

ना किया करो

ना किया करो कभी किसी से दिल दुखाने वाली बात… सुना है दिल पे निशाँ रह जाते हैं सदियो तक..

Exit mobile version