जब रुला लेते हैं जी भर के हमें… जब सता लेते हैं जी भर के हमें… तब कहीं खुश वो ज़रा होते हैं…. और क्या एहद-ए-वफ़ा होते हैं….
Tag: व्यंग्य
तुम लाख छुपाओ ….
तुम लाख छुपाओ ……मुझसे जो रिश्ता है…. तुम्हारा सयाने कहते हैं नजर अंदाज करना भी मुहब्बत है…..
लोग कहते हैं
लोग कहते हैं ज़मीं पर किसी को खुदा नहीं मिलता, शायद उन लोगों को दोस्त कोई तुम-सा नहीं मिलता……!!
ऐ जिंदगी तू हँस ले
ऐ जिंदगी तू हँस ले मेरे जीने के अंदाज़ पे, वो दिन भी आएगा जब तू संवारेगी मुझे ।।
मैंने तो बिना सोचे
मैंने तो बिना सोचे मोहब्बत की है तुमसे, सोच के किया जाये उसे तो फरेब कहते है !!
अजीब सी बेताबी है…
अजीब सी बेताबी है… तेरे बिना, रह भी लेते है और रहा भी नही जाता..
मैंने मौसम बदलते हुए
मैंने मौसम बदलते हुए हमेशा देखा है, दोस्त बदलते है ऐसा पहली बार देखा है. किसी ने सच कहा है अक्सर वोही लोग दर्द देते है जो दिल के करीब होते है.
चलती नहीं दुनिया
चलती नहीं दुनिया किसी के आने से, रूकती नहीं दुनिया किसी के जाने से. प्यार तो सबको मिल जाता है, कमी का पता तो चलता है किसी के दूर जाने से.
मत रहो दूर
मत रहो दूर हमसे इतना के अपने फैसले पर अफसोस हो जाये… कल को शायद ऐसी मुलाकात हो हमारी… के आप हमसे लिपटकर रोये और हम ख़ामोश हो जाये..!
उम्र कम थी
उम्र कम थी इश्क़ बेहिसाब हो गया…….!! एक वक्त के बाद ये रोग लाइलाज हो गया….!!