मजबूरी ने ही मुझे उस मोड़ पर लाकर खड़ा कर दिया जहाँ तक नजर जाती है कुछ और ही नजर आता है।
Category: Zindagi ShayriUrdu Shayri
तुम्हें ख़बर नहीं है
तुम्हें ख़बर नहीं है तुम्हें सोचने की ख़ातिर बहुत से काम हम कल पर छोड़ देते है|
खत्म कर दी थी
खत्म कर दी थी जिन्दगी की सब खुशियाँ तुम पर कभी फुर्सत मिले तो सोचना मुहब्बत किसने की थी…..