वक्त इशारा देता रहा

वक्त इशारा देता रहा और हम इत्तेफाक़ समझते रहे, बस यूँ ही धोखे ख़ाते गए और इस्तेमाल होते रहे !!

शाम होते ही

शाम होते ही चिरागों को बुझा देता हूँ मैं… ये दिल ही काफ़ी है तेरी याद में जल जाने के लिए…

ये जरूरी नहीं कोई

ये जरूरी नहीं कोई ताल्लुक हो तुझ से !! सुकून देता है तेरा दिखते रहना भी !!

परेशान तो तुम्हारी तरह..

परेशान तो तुम्हारी तरह.. हम भी बहुत हैं..!! लेकिन मुस्कुरा के जीने में.. क्या जाता है..!!

जिंदगी जब तुझको समझा

जिंदगी जब तुझको समझा, मौत फिर क्या चीज है ऐ वतन तू हीं बता, तुझसे बड़ी क्या चीज है|

बाँध लूं हाथ में

बाँध लूं हाथ में, या सीने से लगा लूँ तुम को, दिल में आता है कि ताबीज बना लूं तुम को !!!

इंतज़ार है हमे

इंतज़ार है हमे आपके आने का, वो नज़रे मिला के नज़रे चुराने का, मत पूछ ए-सनम दिल का आलम क्या है, इंतज़ारा है बस तुझमे सिमट जाने का…

दीदार के काबिल

दीदार के काबिल कहाँ मेरी सूरत है, ये उनकी इनायत है की उनका रुख इधर है|

मेरे दिल में

मेरे दिल में अपनी मौजूदगी का एहसास तो करके देखो तुम्हें मुझमें सिर्फ तुम ही तुम मिलोगे ।

रिश्तो की जमावट

रिश्तो की जमावट आज कुछ इस तरह हो रही है, बहार से अच्छी सजावट और अन्दर से स्वार्थ की मिलावट हो रही है..

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