नींद कल रात भी

नींद कल रात भी आई थी सुहानी हमको ए फ़क़ीरी तेरा एहसान चुकाएँ कैसे|

ऐ काश ज़िन्दगी भी

ऐ काश ज़िन्दगी भी किसी अदालत सी होती,,, सज़ा-ऐ-मौत तो देती पर आख़िरी ख्वाइश पूछकर…

एक नाराज़गी सी है

एक नाराज़गी सी है ज़ेहन में ज़रूर, पर मैं ख़फ़ा किसी से नहीं…

अरे कितना झूँठ बोलते हो

अरे कितना झूँठ बोलते हो तुम,,, खुश हो और कह रहे हो मोहब्बत भी की है…

ये सुनकर मेरी

ये सुनकर मेरी नींदें उड़ गयी,,, कोई मेरा भी सपना देखता है…

एहसास-ए-मोहब्बत

एहसास-ए-मोहब्बत की मिठास से मुझे आगाह न कर ये वो ज़हर है…जो मैं पहले भी पी चुकी हूँ…!!

नब्ज़ में नुकसान

नब्ज़ में नुकसान बह रहा है लगता है दिल में इश्क़ पल रहा है…!!

मेरी मुहब्बत अक्सर

मेरी मुहब्बत अक्सर ये सवाल करती है… जिनके दिल ही नहीं उनसे ही दिल लगाते क्यूँ हो…

ताउम्र उल्फ़तें

ताउम्र उल्फ़तें और वो छोटी सी आशिक़ी… मरने का तरीक़ा है ये ज़िंदा रहने की हसरतें…

ज़िन्दगी के मायने तो

ज़िन्दगी के मायने तो याद तुमको रह जायेंगे , अपनी कामयाबी में कुछ कमी भी रहने दो…

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