देखी है दरार आईने में

देखी है दरार आईने में आज मैने… पता नही ‘शीशा’ टूटा हुआ था या ‘मै’|

ज़ख़्मों के बावजूद

ज़ख़्मों के बावजूद मेरा हौसला तो देख….तुम हँसे तो हम भी तेरे साथ हँस दिए….!!

मुझे उस जगह से

मुझे उस जगह से भी मोहब्बत हो जाती है; जहाँ बैठ कर एक बार तुम्हें सोच लेता हूँ…

लोग हमारे बारे में

लोग हमारे बारे में क्या सोचते है…. ये भी अगर हम सोचेंगे तो लोग क्या सोचेंगे.?.?.

नफरत के जंगल में

नफरत के जंगल में उसको लगे मोहब्बत की तलब, और वो प्यास के सेहरा में मांगे मुझे पानी की तरह…

कुछ मीठी सी ठंडक

कुछ मीठी सी ठंडक है आज इन हवाओं में, शायद दोस्तो की यादों का कमरा खुला रह गया है…!

महक होती तो

महक होती तो तितलियाँ जरूर आती, कोई रोता तो सिसकियाँ जरूर आती, कहने को तो लोग मुझे बुहत याद करते है, मगर याद करते तो हिचकियाँ जरूर आती..!!

मतलब की बात

मतलब की बात सब समझते हैं लेकिन बात का मतलब कोई नहीं समझता ।

आँखों की बात है..

आँखों की बात है.. आँखों को ही कहने दो… कुछ लफ़्ज़ …लबों पर .. मैले हो जाते हैं!

कितने तोहफे देती है

कितने तोहफे देती है ये मोहब्बत भी यार, दुःख अलग रुस्वाई अलग, जुदाई अलग तन्हाई अलग…

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