मैं वो बात हूँ

मैं वो बात हूँ, जो बनी नहीं.. मैं वो रात हूँ,जो कटी नहीं !!

जिस दिन सादगी

जिस दिन सादगी श्रृंगार हो जाएगी, उस दिन आईनों की हार हो जाएगी..

कुछ शिकायतें बनी

कुछ शिकायतें बनी रहें तो बेहतर है, चाशनी में डूबे रिश्ते वफ़ादार नहीं होते…!!

बस एक ही बात थी

बस एक ही बात थी जो मुक्कम्मल सुनी थी मैंने , वो एक बात जिसे रुक गया वो कहते कहते !

कभी नीम सी

कभी नीम सी जिंदगी । कभी नमक सी जिंदगी । मैं ढूंढता रहा उम्र भर एक शहद सी जिंदगी। ना शौक बङा दिखने का… ना तमन्ना भगवान होने की… बस आरजू जन्म सफल हो…. कोशिश “इंसानं” होने की.

जुदा हुए वो लोग

जुदा हुए वो लोग कि जिन को साथ में आना था, इक ऐसा मोड़ भी हमारी रात में आना था…

इस तरह ज़िन्दगी में

इस तरह ज़िन्दगी में मुझे तेरा साथ चाहिये, जैसे बच्चे को भीड़ में एक हाथ चाहिए.

जो भी आता है

जो भी आता है एक नई चोट देकर चला जाता है, माना मैं मजबूत हूँ लेकिन…… पत्थर तो नहीं.!

वक्त मिले कभी तो

वक्त मिले कभी तो कदमों तले भी देख लेना, . . बेकसूर अक्सर वहीं पाये जाते हैं..

गले लगा के

गले लगा के मुझे पूछ मसअला क्या है मैं डर रहा हूँ तुझे हाल-ए-दिल सुनाने से

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