कुछ कहे अनकहे किस्सों में

कुछ कहे अनकहे किस्सों में कैद है वह हर जंग, लोग फिर भी हर जीत पर शुक्र करते हैं किस्मत का..

मैं हौसलों की

मैं हौसलों की राह बना कर चलता रहा, वह मजबूरियों की चादर बना सोता रहा…

दर बदर पनाह को

दर बदर पनाह को भटकता है सच, झूठ महलों में अठखेलियाँ करता है…

फिर से कहो

फिर से कहो ना आज उसी अदा से, मुझे तुमसे मोहब्बत है।।

आज फिर उतनी ही

आज फिर उतनी ही मोहब्बत से बुलाओ ना, कह दो मिलने का मन कर रहा है आओ ना।।

सभी के दामन में

सभी के दामन में दाग होते है, ये सुनकर लोग नाराज क्यों होते है??

सिर्फ बेहद चाहने से

सिर्फ बेहद चाहने से क्या होता है, नसीब भी होना चाहिए किसी का प्यार पाने के लिए।।

जादू वो लफ़्ज़ लफ़्ज़ से

जादू वो लफ़्ज़ लफ़्ज़ से करता चला गया, और हमने बात बात में हर बात मान ली।।

मेरे लिये खुशियों की

मेरे लिये खुशियों की दुआ करते हो, तुम खुद मेरे क्यों नही हो जाते।।

इश्क़ नहीं है

इश्क़ नहीं है तुमसे पर जो तुमसे है, उसके लिए कोई लफ्ज़ नहीं है।।

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