नाराज क्यों होते हो

नाराज क्यों होते हो चले जायेंगे तुम्हारी जिन्दगी से बहुत दूर…… जरा टूटे हुए दिल के टुकङे तो उठा लेने दो….!!

इश्क क्या जिंदगी देगा

इश्क क्या जिंदगी देगा किसी को दोस्तों ये तो शुरू ही किसी पर मरने से होता है…!!

उसकी आँखों में

उसकी आँखों में नज़र आता है सारा जहां मुझ को….. अफ़सोस कि उन आँखों में कभी खुद को नहीं देखा..

सुकून की कमी

जब तुम्हे सुकून की कमी महसूस हो तो अपने रब से तौबा किया करो…….. क्योकि इंसान के गुनाह ही है जो उसे बैचैन रखते है

वो जो निकले थे

वो जो निकले थे घर से मशालें लेकर बस्तियां फूकने, अँधेरे मकान में अपनों को अकेला छोड़ आये हैं|

ग़ुलाम हूँ अपने घर की

ग़ुलाम हूँ अपने घर की तहज़ीब का वरना लोगों को औकात दिखाने का हूनर भी रखता हूँ|

वक्त मिले कभी तो

वक्त मिले कभी तो कदमों तले भी देख लेना, . . बेकसूर अक्सर वहीं पाये जाते हैं..

ये तमन्ना भी नहीं ..

ये तमन्ना भी नहीं ..चाँद सितारा हो जाऊं हाँ अँधेरा हो कहीं तो मैं उजाला हो जाऊं..

गले लगा के

गले लगा के मुझे पूछ मसअला क्या है मैं डर रहा हूँ तुझे हाल-ए-दिल सुनाने से

माना कि औरों के

माना कि औरों के जितना पाया नहीं… पर.. खुश हूँ कि कभी स्वयं को गिरा कर कुछ उठाया नहीं..

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