ले चल कही

ले चल कही दूर मुझे तेरे सिवा जहां कोई ना हो, बाँहों में सुला लेना मुझको फिर कोई सवेरा ना हो…!!!

मिटा दिये हैं

मिटा दिये हैं सभी फासले…….तुम्हारी मोहब्बत ने मेरा दिमाग धड़कता है…… मेरे दिल की तरह

हर अल्फाज दिल का

हर अल्फाज दिल का दर्द है मेरा पढ़ लिया करो, न जाने कौन सी शायरी आखरी हो जाए।

तेरा ख़याल मुझे

तेरा ख़याल मुझे कुछ …… इस तरह पुकारता है जैसे मंदिरों में ……. कोई आरती उतारता है

दिल से ज्यादा

दिल से ज्यादा महफूज़ जगह कोई नही मगर, सबसे ज्यादा लोग यहीं से ही लापता होते हैं।

​घर की इस बार

घर की इस बार मुकम्मल मै तलाशी लूँगा ग़म छुपा कर मेरे माँ बाप कहाँ रखते है..

उम्मीदों की तरह

मिट चले मेरी उम्मीदों की तरह हर्फ़ मगर, आज तक तेरे खतों से तेरी खुश्बु ना गई।

ख्वाहिशों की दुकान

ख्वाहिशों की दुकान पर आँखें मूंद खड़े रहना, मुश्किल बहुत है….बड़े होकर बड़े रहना

मुहब्बत अगर चेहरा

मुहब्बत अगर चेहरा देख कर होती तो यकीन मानो तुम से कभी नही होती

दाग़ दुनिया ने

दाग़ दुनिया ने दिए, ज़ख़्म ज़माने से मिले हमको तोहफ़े ये तुम्हें दोस्त बनाने से मिले|

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