बिलकुल बेकार नहीं हूँ

बिलकुल बेकार नहीं हूँ मैं. नाकामियों की मिसाल के काम आता हूँ मैं

जो दिल की गिरफ्त में

जो दिल की गिरफ्त में हो जाता है, मासूक के रहमों-करम पर हो जाता है, किसी और की बात रास नहीं आती, दिल कुछ ऐसा कम्बख्त हो जाता है, मानता है बस दलीले उनकी, ये कुछ यूँ बद हवास हो जाता है, यार के दीदार में ऐसा मशगूल रहता है, कि अपनी खैरियत भूल कर… Continue reading जो दिल की गिरफ्त में

छलका तो था

छलका तो था कुछ इन आँखों से उस रोज़..!! कुछ प्यार के कतऱे थे..कुछ दर्द़ के लम्हें थे….!!!!

मेरी मासूम मोहब्बत

मेरी मासूम मोहब्बत , की गवाही न मांग मेरी पलकों पे सितारों ने इबादत की है…

जीवन जीना हो तो

जीवन जीना हो तो दर्पण की तरह जीओ, जिसमें स्वागत सभी का हो लेकिन संग्रह किसी का भी नहीं…

बहुत करीब से

बहुत करीब से अंजान बन के गुज़रे हैं वो…. जो बहुत दूर से पहचान लिया करते थे…..

मौला तू भी

मौला तू भी कमाल करता है। आँखे ब्लैक & व्हाइट देता है। और ख़्वाब रंगीन दिखाता है ।

मिली है अगर

मिली है अगर जिंदगी तो मिसाल बन कर दिखाइये… वर्ना इतिहास के पन्ने आजकल रिश्वत देकर भी छपते है|

या तो क़ुबूल कर

या तो क़ुबूल कर,मेरी कमज़ोरियों के साथ या छोड़ दे मुझे, मेरी तनहाइयों के साथ|

जिसको जो कहना

जिसको जो कहना है कहने दो अपना क्या जाता है, ये वक्त-वक्त कि बात है साहब, सबका वक्त आता है..

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