ना मेरा प्यार कम हुआ

ना मेरा प्यार कम हुआ, ना उनकी नफरत , अपना अपना फर्ज था, दोनों अदा कर गये

तू तो नफ़रत

तू तो नफ़रत भी न कर पाएगा उस शिद्दत के साथ, जिस बला का प्यार तुझसे बे-ख़बर मैंने किया |

एक नफरत ही हैं

एक नफरत ही हैं जिसे दुनिया चंद लम्हों में जान लेती हैं.. वरना चाहत का यकीन दिलाने में तो जिन्दगी बीत जाती हैं.

देखा जो तीर

देखा जो तीर खा के, दुश्मनों की तरफ़.. अपने ही दोस्तों से मुलाकात हो गई..

एक नफरत ही हैं

एक नफरत ही हैं जिसे, दुनिया चंद लम्हों में जान लेती हैं. वरना चाहत का यकीन दिलाने में, तो जिन्दगी बीत जाती हैं..

ए दुश्मनो उठाओ हाथ

ना तबीबों की तलब है न दुआ मांगी है नी मैं जां हु बस तेरे दामन की हवा मांगी है ए दुश्मनो उठाओ हाथ मांगो जिन्दगी मेरी। क्यों की दोस्तों ने मेरे मरने की दुआ मांगी है

सवाल ही पैदा नहीं होता

वो जवाब मांगते हैं कि हमें भूल तो नही जाओगे…? जवाब मैं क्या दूँ , जब सवाल ही पैदा नहीं होता..

नजरें नीची झुक गई

मुझे देख कर आज उनकी नजरें नीची झुक गई….. लगता है इस से पहले किसी से आँख मिला के आई है…….!

अफसोस ये नही है कि दर्द कितना है

अफसोस ये नही है कि दर्द कितना है दर्द ये है कि तुमे परवाह नही है..!!

तुम्हारी यादोँ मे भीग रहा था

खिड़की से बाहर जो देखा तो आज फिर बादल बरस रहे थे, और मैं अन्दर कतरा-कतरा तुम्हारी यादोँ मे भीग रहा था…!!!

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