खुश नहीं आजकल

तेरी नाराजगी वाजिब है… दोस्त,….! . . . . मैं भी खुद से खुश नहीं आजकल,….!!

याद से भरा

बालकनी में आराम कुर्सी पर पड़ा हुआ है एक बोरा तुम्हारी याद से भरा।

राज़ की बात है

कमाल का शख्स था, जिसने ज़िंदगी तबाह कर दी; राज़ की बात है दिल उससे खफा अब भी नहीं।

मनुष्य के स्वभाव

सुधरना-बिगडना मनुष्य के स्वभाव पर निर्भर करता है ना की माहौल पर l रामायण में दो पात्र हैं विभीषण और कैकयी ! ंविभीषण रावण के राज्य में रह कर के भी नही बिगडा और कैकयी राम के राज्य में रहकर भी नही सुधरी l

आसमान को कुचल

मत पूछिये हद, गुस्ताखियों की। हम रख कर ज़मीं पर आईना आसमान को कुचल देते हैं।

इस दुनिया में

इंसानों की इस दुनिया में, बस यही तो इक रोना है… जज़्बात अपने हों तो ही जज़्बात हैं, दूजों के हों तो खिलौना हैं….

प्यार भी न जाने

प्यार भी न जाने अब किस किस्म का होने लगा, रुह से ज्यादा सजदा अब जिस्म का होने लगा

मैं अपनी चाहतों

मैं अपनी चाहतों का हिसाब करने जो बेठ जाऊ तुम तो सिर्फ मेरा याद करना भी ना लोटा सकोगे …

जब भी दर्द दिया

उसे पता था कि उसकी हसी मुझे पसन्द है.. इस्लिये उसने जब भी दर्द दिया मुस्कुराकर दिया..!!

गुजारा कर लेती है

चीखकर हर जिद पूरी करवाता है इकलौता बेटा!! मगर बिटिया गुजारा कर लेती है टूटी पायल जोड़कर!!!

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