तू इनकार ही कर दे मगर कुछ गुफ्तगुं तो कर .. तेरा खामोश सा रहना मुझे तकलीफ देता है…
Category: Whatsapp
बच्चों की हथेली
बस्ता बचपन और कागज़ छीन कर तुमने बच्चों की हथेली बेच दी गाँव में दिखने लगा बाज़ारपन प्यार सी वो गुड़ की भेली बेच दी
दिखती भीड़ है
अजीब तरह के, इस दुनीयाँ में मेले है… ! दिखती भीड़ है और, चलते सब अकेले है… !!
मोहलत लेकर आयेंगे
वादा करते हैं दोस्ती निभाएंगे कोशिश यही रहेगी तुझे ना सताएँगे ज़रूरत पड़े तो दिल से पुकार ना मर भी रहे होंगे तो मोहलत लेकर आयेंगे
ज़िंदगी जीने की
बे वजह ही सही, … पर ज़िंदगी जीने की एक वजह हो तुम !!
वक्त जरूर लगा
वक्त जरूर लगा पर मैं सम्भल गया क्योंकि। मैं ठोकरों से गिरा था किसी के नज़रों से नहीं।।
उंगली मेरी वफ़ा
उंगली मेरी वफ़ा पे ना उठाना लोगों, … जिसे शक हो वो एक बार निभा कर देखे ।
सुनो, ठिकाने लगा दो
सुनो, ठिकाने लगा दो मुझे, अब कोई ठिकाना नही मेरा।
तुम्हारे लिए बस दुआ ही
तुम्हारे लिए बस दुआ ही निकली थी इन लबों से, सोचो जो बदुआ आई, कुछ तो बात रही होगी।
सबसे मुश्किल होता हैं
सबसे मुश्किल होता हैं उन जाने लोगो से बात करना, अंजानो की तरह। वो अनजाने लोग जिनपर कभी जान लुटाया करते थे।