जिक्र होता है

जिक्र होता है जब कहीं मुहब्बत का तेरा नाम हौले से लेकर मेरे लब मुस्कुराते हैं

याद करता होगा

याद करता होगा वो मुझे…. मेरे दिल से ये वहम क्यों नहीं जाता.!!!

जरुरी है जिंदगी में

तूफान भी आना ,… जरुरी है जिंदगी में.. तब जा कर पता चलता है … कौन” हाथ छुड़ा कर भागता है.. और “कौन” हाथ पकड़ कर.

मैं जैसा हूँ

मैं जैसा हूँ , मुझे वैसा ही रहने दे अगर मैं सुधर गया ,तो तुझे मुझसे प्यार हो जाएगा

कलम भी मेरे पास है

कागज़ भी मेरे पास है कलम भी मेरे पास है…! लिखू तो क्या लिखू दिल तो उसके पास है…!!

फैसला न हो सका

किस्मत बुरी या,मै बुरा, ये फैसला न हो सका, मै सबका हो गया, मेरा कोई हो न सका

बुरा किया मैनें

ऐ इश्क़ ! तेरा वकील बन के बुरा किया मैनें यहाँ हर शायर तेरे खिलाफ सबूत लिए बैठा हैं………

ठोकरें खाने के बाद

तमाम ठोकरें खाने के बाद, ये अहसास हुआ मुझे.. कुछ नहीं कहती हाथों की लकीरें,खुद बनानी पङती हैं बिगङी तकदीरें

खूबसूरती से धोका

खूबसूरती से धोका, न खाइये जनाब, तलवार कितनी भी खूबसूरत क्यों न हो मांगती तो खून ही है….!

उजालो के बावजूद

बड़ी ‘अजीब’ सी है शहरो की रोशनी… उजालो के बावजूद चेहरे ‘पहचानना’ मुश्किल है !!

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