रात थी और स्वप्न था

रात थी और स्वप्न था तुम्हारा अभिसार था ! कंपकपाते अधरद्व्य पर कामना का ज्वार था ! स्पन्दित सीने ने पाया चिरयौवन उपहार था , कसमसाते बाजुओं में आलिंगन शतबार था !! आखेटक था कौन और किसे लक्ष्य संधान था ! अश्व दौड़ता रात्रि का इन सबसे अनजान था ! झील में तैरती दो कश्तियों… Continue reading रात थी और स्वप्न था

सज़ा ये दी है

सज़ा ये दी है कि आँखों से छीन लीं नींदें , क़ुसूर ये था कि जीने के ख़्वाब देखे थे|

मालूम हमें भी है

मालूम हमें भी है बहुत से तेरे किस्से, पर बात हमसे उछाली नहीं जाती..

लफ़्ज़ों की प्यास

लफ़्ज़ों की प्यास किसे है… मुझे तो तेरी खामोंशियों से भी इश्क है|

वक़्त का फेर

वक़्त का फेर वक़्त है ढल चुका और ढल चुका वो दौर भी…. फ़िर भी आइने में, वक़्त पुराना ढूंढते हैं !! महफिलें सजती थीं जहाँ दोस्तों के कहकहों से…. दीवारों-दर पे, उनके निशान ढूंढते हैं !! कुछ दर्द वक़्त ने तो कुछ हैं अपनों ने दिए…. अकेले आज भी, दिल के टूकड़ों को जोड़ते… Continue reading वक़्त का फेर

कीमतें रोटी की

कीमतें रोटी की क्या हैं,मुफ़लिसों से पूछिए, भाव जो देखें हैं,तुमने झूठ हैं,,,, अखबार के…।।

लोग रूप देखते हैं

लोग रूप देखते हैं, हम दिल देखते हैं; लोग सपना देखते हैं, हम हकीकत देखते हैं; बस फर्क इतना है कि लोग दुनिया में दोस्त देखते हैं; हम दोस्तों में दुनिया देखते हैं।

आदत पड गयी है

आदत पड गयी है सभी को , प्यार अब हर किसी को कहां होता है ??

अगर कसमें सच्ची होती

अगर कसमें सच्ची होती, तो सबसे पहले खुदा मरता|

प्यार कमजोर दिल से

प्यार कमजोर दिल से किया नहीं जा सकता! ज़हर दुश्मन से लिया नहीं जा सकता! दिल में बसी है उल्फत जिस प्यार की! उस के बिना जिया नहीं जा सकता!

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