आग लगाने को कहो तो हर शख्स के पास माचिस है घर किसी का जले तो पानी की कमी हो जाती है।।
Category: Sad Shayri
जिंदगी का खेल
जिंदगी का खेल शतरंज से भी मज़ेदार होता है, लोग हारते भी है तो अपनी ही रानी से …
भीड़ का हिस्सा
यह दुनिया इंसानों की बस्ती है फरिश्ता मत बन, लोग पत्थर से तुझे मारेंगे शीशा मत बन, ऐसा कुछ कर कि सारा जमाना तुझे देखे, अपनी पहचान बना, भीड़ का हिस्सा मत बन..!
एक दूसरे के लिये
ना आप अपने आप को गले लगा सकते हो, ना ही आप अपने कंधे पर सर रखकर रो सकते हो। ? एक दूसरे के लिये जीने का नाम ही जिंदगी है।इसलिये वक़्त उन्हें भी दो जो आपको चाहते है दिल से…|
कैसा है ये इश्क
कैसा है ये इश्क और कैसा हैं ये प्यार ,जीते-जी जो मुझ से , तुम दूर जा रहे हो..
कहाँ खर्च करूँ
कहाँ खर्च करूँ , अपने दिल की दौलत… सब यहाँ भरी जेबों को सलाम करते हैं…
कोई पुरानी तमन्ना
आँखों से पानी गिरता है , तो गिरने दीजिये… कोई पुरानी तमन्ना पिघल रही होगी…
लिपट जाता हूँ माँ
लिपट जाता हूँ माँ से और मौसी मुस्कुराती है मैं उर्दू में ग़ज़ल कहता हूँ हिन्दी मुस्कुराती है उछलते खेलते बचपन में बेटा ढूँढती होगी तभी तो देख कर पोते को दादी मुस्कुराती है तभी जा कर कहीं माँ-बाप को कुछ चैन पड़ता है कि जब ससुराल से घर आ के बेटी मुस्कुराती है चमन… Continue reading लिपट जाता हूँ माँ
ख़ुशी के चार झोंके
अरे ओ आसमां वाले बता इसमें बुरा क्या है ख़ुशी के चार झोंके गर इधर से भी गुजर जाएँ
तुझे अपना सोचकर..
तू मिले या ना मिले….. ये मेरे मुकद्दर की बात है, “सुकून” बहुत मिलता है….. तुझे अपना सोचकर..