वापसी का तो सवाल ही नही….. आँसुओ की तरह निकला हूँ मै…..
Category: Mosam Shayri
आ बैठ मेरे पास
आ बैठ मेरे पास बरबाद अब कुछ रातें करते हैं बन जा तू शब्द मेरे फिर दिल की, दिल से कुछ बातें करते हैं…….
जो कोई समझ न सके
जो कोई समझ न सके वो बात हैं हम, जो ढल के नयी सुबह लाये वो रात हैं हम, छोड़ देते हैं लोग रिश्ते बनाकर, जो कभी न छूटे वो साथ हैं हम।
कैसे जिंदा रहेगी
कैसे जिंदा रहेगी तहज़ीब सोचिये ! , पाठशाला से ज्यादा तो मधुशाला हैं इस शहर मे….
नहीं ज़रूरत मुझे
नहीं ज़रूरत मुझे तुम्हारी अब, ख्यालात तुम्हारे काफ़ी है….. तुम क्या जानो इस मस्ती को, अहसास तुम्हारे काफ़ी है……
यूँ तो जिंदगी तेरे
यूँ तो जिंदगी तेरे सफर से शिकायतें बहुत थी… दर्द जब दर्ज कराने पहुंचे तो कतारें बहुत थी…!!
देख कर उसकी आँखो में
देख कर उसकी आँखो में अपने नाम की मायूसी… दिल रोया तो नहीँ पर फ़िर कभी हँसा भी नहीँ…
मेरे न हो सको तो
मेरे न हो सको तो कुछ ऐसा कर दो, मैं जैसा था मुझे फिर से वैसा कर दो !!
तू इतना प्यार कर
तू इतना प्यार कर जितना तू सह सके, बिछड़ना भी पड़े तो ज़िंदा रह सके !!
भूल बैठा है
भूल बैठा है वो मेरा नाम न जाने कब से दिल ने सदियों से जिसे अपना बना रखा है …