बहुत शौक था सब को जोङ के रखने का ! होश तब आया जब अपने वजूद के टुकङे देखे !!
Category: Mosam Shayri
परेशानियों ने भी
परेशानियों ने भी क्या खूब याद रखा मेरे घर का पता…. बस ये खुशिया ही है जो आवारा निकली….!!
तेरी एक झलक पाने को
तेरी एक झलक पाने को तरस जाता है दिल मेरा….! खुश किस्मत हैं वो लोग जो तेरे घर के सामने रहते है..!!
न जाने इतनी मोहब्बत
न जाने इतनी मोहब्बत कहाँ से आ गयी उस अजनबी के लिए..!! की मेरा दिल भी उसकी खातिर अक्सर मुझसे रूठ जाया करता हे ..!!
तुम्हारे हँसने की वजह
तुम्हारे हँसने की वजह बनना चाहता हूँ , बस इतना हैं तुमसे कहना………
कभी साथ बैठो
कभी साथ बैठो तो कहूँ की क्या दर्द है मेरा…… तुम दूर से पूछोगे तो खैरियत ही कहेगे ……
आओ बताता हूँ…
आओ बताता हूँ… अपने दर्द कॊ क्यों नही दर्शाता हूँ… साहेब घर चलाना पड़ता है… इसलिए हर अपमान अपना सह जाता हूँ…
समंदर ने कहा
समंदर ने कहा मुझको बचा लो डूबने से… मैं किनारे पे समन्दर लगा के आया हूँ…
कभी कभी मीलों दूर
कभी कभी मीलों दूर बैठा इंसान आपको जीने का सहारा दे सकता है और वो नहीं जो आपके करीब है।
मीलों दूर चलाती रही
मीलों दूर चलाती रही ये जिन्दगी हकदार मैं सिर्फ दो गज जमीन की थी