जमीर ही आँख नही मिलाता

जमीर ही आँख नही मिलाता वरना, चेहरा तोआईने पर टूट पड़ता है….

उम्मीद से कम

उम्मीद से कम चश्मे खरीदार में आए हम लोग ज़रा देर से बाजार में आए..

सवाल ये नहीं

सवाल ये नहीं रफ्तार किसकी कितनी है … सवाल ये है सलीक़े से कौन चलता है…!!

शायराना चाहता हूँ…

आखरी हिचकी तेरे पहलू में आये मौत भी मैं शायराना चाहता हूँ…

तुम इतने कठिन क्यूँ हो

तुम इतने कठिन क्यूँ हो की मैं तुम्हे समझ नहीं पाता, थोड़े से सरल हो जाओ सिर्फ मेरे लिए !!

रब के फ़ैसले पर

रब के फ़ैसले पर भला कैसे करुँ शक, सजा दे रहा है ग़र वो कुछ तो गुनाह रहा होगा !!

तुम्हारा साथ भी छूटा

तुम्हारा साथ भी छूटा , तुम अजनबी भी हुए मगर ज़माना तुम्हें अब भी मुझ में ढूंढता है !!

सच्चा प्यार सिर्फ

सच्चा प्यार सिर्फ वो लोग कर सकते है, जो किसीका प्यार पाने के लिए तरस चुके हो !!

बिल्कुल जुदा है

बिल्कुल जुदा है मेरे महबूब की सादगी का अंदाज, नजरे भी मुझ पर है और नफरत भी मुझसे ही !!

मोहब्बत भी ईतनी शीद्दत से

मोहब्बत भी ईतनी शीद्दत से करो की, वो धोखा देकर भी सोचे की वापस जाऊ तो किस मुंह से जाऊ !!

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