रात भर गहरी नींद आना इतना आसान नहीं… उसके लिए दिन भर “ईमानदारी” से जीना पड़ता हैं….!!!
Category: Love Shayri
खुदगर्ज़ बना देती है
खुदगर्ज़ बना देती है तलब की शिद्दत भी,, प्यासे को कोई दूसरा प्यासा नहीं लगता..।।
हजारों महफिलें है
हजारों महफिलें है और लाखों मेले हैं, पर जहां तुम नहीं वहाँ हम अकेले हैं|
तुम्हारी खुशियों के ठिकाने
तुम्हारी खुशियों के ठिकाने बहुत होंगे, मगर हमारी बेचैनियों की वजह बस तुम हो|
रफ्ता रफ्ता उन्हें
रफ्ता रफ्ता उन्हें भूले हैं मुद्दतों में हम.. किश्तों में खुदकुशी का मज़ा हमसे पूछिये..
ऐ काश ज़िन्दगी भी
ऐ काश ज़िन्दगी भी किसी अदालत सी होती,,, सज़ा-ऐ-मौत तो देती पर आख़िरी ख्वाइश पूछकर…
बताओ तो कैसे
बताओ तो कैसे निकलता है जनाज़ा उनका, वो लोग जो अन्दर से मर जाते है…
मैं अगर नशे में
मैं अगर नशे में लिखने लगूं,, खुदा कसम होश आ जाये तुम्हे…
जो मौत से
जो मौत से ना डरता था, बच्चों से डर गया… एक रात जब खाली हाथ मजदूर घर गया…!
रात भर चलती रहती है
रात भर चलती रहती है उँगलियाँ मोबाइल पर, किताब सीने पे रखकर सोये हुए एक जमाना हो गया|