कहीं और सिर टिका लूँ तो आराम नहीं आता बेअक्ल दिल भी पहचानता है कन्धा तुम्हारा….
Category: Love Shayri
कभी नूर-ओ-रँग
कभी नूर-ओ-रँग भरे चेहरे से इन घनी जुल्फोँ का पर्दा हटाओ,जरा हम भी तो देखेँ, आखिर चाँद होता कैसा है….!!!
छुप जाऊँ मै
हो गई थी
हो गई थी कुछ इस कदर करीब तू मेरे, के अब इन फासलों में भी तेरी खुशबु आती है..!!
फ़रियाद कर रही हैं
फ़रियाद कर रही हैं तरसी हुई निगाहें… देखे हुऐ किसी को जमाना हो गया…!!!
लोगों की नजरो मे
लोगों की नजरो मे हमारी कोई कीमत ना हो, लेकिन कोई तो होगा जो, हमारा हाथ पकड़ कर खुद पर नाज़ करेगा..
यूँ तो मुझे
यूँ तो मुझे किसी के भी छोड़ जाने का गम नहीं बस, कोई ऐसा था जिससे ये उम्मीद नहीं थी..
खाली हाथ लेके
खाली हाथ लेके जब घर जाता हूँ मैं मुस्कुरा देते हैं बच्चे और फिर से मर जाता हूँ मैं|
हारने के बाद
हारने के बाद इंसान नहीं टूटता….. हारने के बाद लोगों का रवय्या उसे टूटने पर मज़बुर करता है…..
नींद से क्या शिकवा
नींद से क्या शिकवा जो आती नहीं, कसूर तो उस चेहरे का है जो सोने नहीं देता !!