अपने ही साए में था, मैं शायद छुपा हुआ, जब खुद ही हट गया, तो कही रास्ता मिला…..
Category: Love Shayri
दुश्मनों के साथ
दुश्मनों के साथ मेरे दोस्त भी आज़ाद है, देखना है , फेंकता है मुझ पर पहला तीर कौन……
एक नाराज़गी सी है
एक नाराज़गी सी है ज़ेहन में ज़रूर, पर मैं ख़फ़ा किसी से नहीं…
मुसाफ़िर ही मुसाफ़िर
मुसाफ़िर ही मुसाफ़िर हर तरफ़ हैं, मगर हर शख़्स तन्हा जा रहा है…
आज उसने अपने हाथ से
आज उसने अपने हाथ से पिलायी है यारो,,, लगता है आज नशा भी नशे मे है…
ये चांद की
ये चांद की आवारगी भी यूंही नहीं है, कोई है जो इसे दिनभर जला कर गया है..
कहते है किस्मत
कहते है किस्मत ऊपर वाला लिखता है! फिर उसे क्यों लाता है ज़िन्दगी में जो किस्मत में नही होता
बात बे बात
बात बे बात पर तेरी बात का होना, अब इसे ईश्क ना समझूं तो क्या समझूं?
उनको मेरी आँखें
उनको मेरी आँखें पसंद है, और मुझे खुद कि आँखों में वो
कहाँ मिलता है
कहाँ मिलता है कोई समझने वाला जो भी मिलता है, समझाकर चला जाता है…