धीमी-धीमी नस चलें

धीमी-धीमी नस चलें, रुक-रुक करके श्वास। जीने की अब ना रही, थोड़ी सी भी आस।।

रह रह कर मुझको

रह रह कर मुझको रुलाती है वो , आसमां से मुझको बुलाती है वो।

इक तमन्ना के लिए

इक तमन्ना के लिए फिरती है सहरा सहरा……!! ज़िंदगी रोज़ कोई ख़्वाब नया लिखती है…!!

यूँ तो जिंदगी तेरे

यूँ तो जिंदगी तेरे सफर से शिकायतें बहुत थी… दर्द जब दर्ज कराने पहुंचे तो कतारें बहुत थी…!!

देख कर उसकी आँखो में

देख कर उसकी आँखो में अपने नाम की मायूसी… दिल रोया तो नहीँ पर फ़िर कभी हँसा भी नहीँ…

तू कर ले लाख कोशिशें

तू कर ले लाख कोशिशें❗ मेरे लड़खड़ाते कदमों को भटकाने की… ऐ ज़िन्दगी ठोकरें खा कर ही सही, सम्भल कर चलना हम भी सीख जायेंगे।

अच्छे होते है

अच्छे होते है बुरे लोग कम से कम अच्छे होने का दिखावा नहीं करते …..!!

मेरे न हो सको तो

मेरे न हो सको तो कुछ ऐसा कर दो, मैं जैसा था मुझे फिर से वैसा कर दो !!

तू इतना प्यार कर

तू इतना प्यार कर जितना तू सह सके, बिछड़ना भी पड़े तो ज़िंदा रह सके !!

भूल बैठा है

भूल बैठा है वो मेरा नाम न जाने कब से दिल ने सदियों से जिसे अपना बना रखा है …

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