तेरी यादों की संदूक में ….. मैं दबा पड़ा हूँ किसी पुराने खत की तरह !!
Category: व्यंग्य शायरी
भगवान मेरे साथ है
जब मुझे यकीन है के भगवान मेरे साथ है तो इस से कोई फर्क नहीं पड़ता के कौन कौन मेरे खिलाफ है।।” तजुर्बे ने एक बात सिखाई है… एक नया दर्द ही… पुराने दर्द की दवाई है…! हंसने की इच्छा ना हो… तो भी हसना पड़ता है… कोई जब पूछे कैसे हो…?? तो मजे में… Continue reading भगवान मेरे साथ है
वक़्त के नाखून
वक़्त के नाखून, बहुत गहरा नोचते हैं दिल को तब जाके कुछ ज़ख्म, तजुर्बा बनके नज़र आते हैं…
आज हालात देखकर
बचपन में एक पत्थर तबियत से ऊपर उछाला था कभी…! . . आज हालात देखकर लगता है . . कहीं वो “ऊपर-वाले” को तो नहीं लग गया…!!
वाह रे मेरी जिन्दगी
वाह रे मेरी जिन्दगी…….. तु सच मे सफर~ए~श्मशान है, जहाँ कन्धा भी अपना और लाश भी अपनी….||
अजब फसाना रहा
इश्को-आवारगी का अजब फसाना रहा, दीवाना हमेशा तेरा ही दीवाना रहा..
तू मेरे पास
तू मेरे पास था में तेरे साथ था वो था जिंदगी का दिन की एक दिन की जिंदगी
युं ना देखा
युं ना देखा करो…. खुदा के लिये !! मोहब्बत बढ गयी तो ….मुसीबत हो जायेगी
तुझसे जुदाई के
तुझसे जुदाई के उस एक फ़ैसले के बाद मैं खुद भी अपने साथ कभी रहा नहीं
kon si manzil
Har ek pao mujhe rondhta hua nikla…… Na jane kon si manzil ka raasta hu me….!!!!!