तरीका न आये पसंद हो जाए न खता हमसे अब तुम ही बता दो वैसे ही करूँगा इश्क तुमसे अब|
Category: मौसम शायरी
यादों के फूल
यादों के फूल खिलते रहते हैं वक्त की शाखों पर कुछ खालीपन रहता है…इन भरी भरी आंखो में…
माना कि औरों के
माना कि औरों के जितना मैंने पाया नहीं.. मगर खुश हूँ.. कि खुद को गिरा कर, कुछ उठाया नहीं..!!!
इतनी भी संजीदगी
इतनी भी संजीदगी अच्छी नहीं बात वो दिल में दबा कर रह गए मैंने उनके तिल की जब तारीफ़ की बस उसी पे तिलमिला कर रह गए|
जिस दिन सादगी
जिस दिन सादगी श्रृंगार हो जाएगी, उस दिन आईनों की हार हो जाएगी..
लब ये ख़ामोश रहेंगे
लब ये ख़ामोश रहेंगे ये तो वादा है मेरा कुछ अगर कर दें निगाहें तो ख़फा मत होना|
होती रहती है
होती रहती है आशिकों से इश्क में गलतियाँ. कोई जन्म से हीं मजनू और रांझा नहीं होता
न लौटने की हिम्मत
न लौटने की हिम्मत है.. न सोचने की फुर्सत.. बहुत दूर निकल आए हैं.. तुमको चाहते हुए
देखें क़रीब से
देखें क़रीब से भी तो अच्छा दिखाई दे इक आदमी तो शहर में ऐसा दिखाई दे|
गुलाब देने से
गुलाब देने से अगर मोहब्बत हो जाती.! तो माली सारे ‘शहर’ का महबूब बन जाता.!