आखों में आंसू

एक बुढा व्यक्ति अपना मोबाईल लेकर रिपेयरिंग की दुकान पर गया और दिखाया. रिपेयरिंग वाले ने कहा: यह बिलकुल ठीक काम कर रहा है वृद्ध की आखों में आंसू आ गये बोला : फिर इसमें मेरे बच्चो के फोन क्यों नही आते?

ऊपर जिसका अंत

ऊपर जिसका अंत नही उसे आंसमा कहते हैं और इस जंहा मे जिसका अंत नही उसे मां कहते हैं

दुख जमा कर सकते है।

“माँ” एक ऐसी ‘बैंक’ है जहाँ आप हर भावना और दुख जमा कर सकते है। और “पापा” एक ऐसा ‘क्रेडिट कार्ड’ है जिनके पास बैलेंस न होते हुए भी हमारे सपने पूरे करने की कोशिश करते है॥

दौलत तो साथ

बस दुआएँ बटोरनें आया हूँ, माँ ने कहा, . दौलत तो साथ जाती नहीं”..

कमज़ोर बुढ़ापा है

माँ बाप की मजबूरी ऐ काश कोई समझे, कमज़ोर बुढ़ापा है मुँहज़ोर जवानी है…!!

किसी का नहीं होता

दुनियावी तजुर्बा है हक़ीकत में है होता ; जो माँ -बाप का न होता किसी का नहीं होता …

इतने न कर

इतने न कर जुल्म माँ बाप पर बन्दे ; वे सोचने लगे कि बेऔलाद ही होता .

पढना चार किताब…!!

माँ बाप को ही गर दे दिया,उसने उलट जवाब तो फिर उसका व्यर्थ है,पढना चार किताब…!!

माँ के पैरो से

न अपनों से खुलता है, न ही गैरों से खुलता है. ये जन्नत का दरवाज़ा है, माँ के पैरो से खुलता है.!!

जिस का अंत नहीं

ऊपर जिस का अंत नहीं उसे आसमान कहते है, जहान में जिस का अंत नहीं उसे माँ कहते है

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