खुदा से मिलती है सूरत मेरे महबूब की, अपनी तो मोहब्बत भी हो जाती है और इबादत भी|
Category: दर्द शायरी
हुस्न और इश्क
हुस्न और इश्क बहुत रोये गले मिल मिल कर…!! जाने क्या कह दिया दीवाने ने दीवाने से….
सबको हँसता ही
सबको हँसता ही देखना चाहता हूँ मैं, किसी को धोखे से भी रुलाना मेरी आदत नहीं।।
चेहरा पढ़ कर
चेहरा पढ़ कर मेरा आज आयना भी पूछता है मुझसे ये सवाल तू कल फिर नहीं सोया रात भर..
छत टपकती है
छत टपकती है उसके कच्चे घर की, वो किसान फिर भी बारिश की दुआ करता है
वाह रे जिन्दगी !
वाह रे जिन्दगी ! भरोसा तेरा एक पल का नहीं; और नखरे तेरे, मौत से भी ज्यादा ।
सभी के दामन में
सभी के दामन में दाग होते है, ये सुनकर लोग नाराज क्यों होते है??
सिर्फ बेहद चाहने से
सिर्फ बेहद चाहने से क्या होता है, नसीब भी होना चाहिए किसी का प्यार पाने के लिए।।
किसी का हो कर
किसी का हो कर, फिर से खुद का होना, बहुत मुश्किल होता है।।
तुम आओ और कभी दस्तक दो
तुम आओ और कभी दस्तक दो इस दिल पर,..!! प्यार उम्मीद से कम निकले तो सज़ा-ऐ-मौत दे देना…!!