क्यों एक दुआ में अटक के रह गया है दिल, क्यों तेरे सिवा कुछ और माँगा नही जाता|
Category: दर्द शायरी
तुम मिली तो ऐसा लगा
तुम मिली तो ऐसा लगा कि पूरी दुनिया को पा लिया… जब तुम जुदा हुईं मुझसे, तो ऐसा लगा किसी ने मेरा दिल ही निकाल लिया|
मेरी आँखों में
मेरी आँखों में पढ़ लेते हैं, लोग तेरे इश्क़ की आयतें… किसी में इतना भी बस जाना अच्छा नहीं होता|
जिस शहर में
जिस शहर में तुम्हे मकान कम और शमशान ज्यादा मिले… समझ लेना वहा किसी ने हम से आँख मिलाने की गलती की थी….!!
तुम वादा करो
तुम वादा करो आखरी दीदार करने आओगे, हम मौत को भी इंतजार करवाएँगे तेरी ख़ातिर,
इश्क़ का क्या हुआ
इश्क़ का क्या हुआ है, असर देखें; आप ही आप हैं, अब जिधर देखें!
अजीब रंगो में
अजीब रंगो में गुजरी है मेरी जिंदगी। दिलों पर राज़ किया पर मोहब्बत को तरस गए।
निकली थी बिना नकाब
निकली थी बिना नकाब आज वो घर से मौसम का दिल मचला लोगोँ ने भूकम्प कह दिया|
मुस्कुराना सीखना पड़ता है …
मुस्कुराना सीखना पड़ता है …!रोना तो पैदा होते ही विरासत में मिल गया था….
वो मंजर भी
वो मंजर भी मोहब्बत का बडा दिलकश गुजरा, किसी ने हाल पुछा और आँखें भर आई !!