हसरतों को फिर से आ जावे न होश, दिल हमारी मानिये रहिये ख़मोश…
Category: दर्द शायरी
रूप देकर मुझे
रूप देकर मुझे उसमें किसी शहज़ादे का अपने बच्चों को कहानी वो सुनाती होगी |
मसर्रतों के खजाने
मसर्रतों के खजाने तो कम निकलते है… किसी भी सीने को खोलो तो ग़म निकलते है…
जिसको तलब हो हमारी
जिसको तलब हो हमारी , वो लगाये बोली , सौदा बुरा नहीं … बस “ हालात ” बुरे है ..!!
ना शौक बड़ा दिखने का
ना शौक बड़ा दिखने का ना तमन्ना भगवान होने की बस आरजू जन्म सफल हो कोशिश इंसान होने की
यादों में खोया रहता हूँ
तेरी यादों में खोया रहता हूँ.., लोग कहते हैं, मैं निकम्मा हूँ.., पर इसके सिवा, कर भी क्या सकता हूँ.., हर आती जाती सांसें, तेरा ही नाम लेती है|
लफ्ज ही ऐसी चीज़ है
लफ्ज ही ऐसी चीज़ है जिसकी वजह सेइंसान या तो दिल में उतर जाता है या दिल से उतर जाता है ज़िन्दगी के इस कश्मकश मे वैसे तो मैं भी काफ़ी बिजी हुँ लेकिन वक़्त का बहाना बना कर अपनों को भूल जाना मुझे आज भी नहीं आता ! जहाँ दोस्त याद न आए वो… Continue reading लफ्ज ही ऐसी चीज़ है
रोज़ आ जाता है…
रोज़ आ जाता है…मेरे दिल को तसल्ली देने, ख्याल ए यार को…मेरा ख्याल कितना है|
आँखों मे ख्वाब
आँखों मे ख्वाब उतरने नही देता, वो शख्स मुझे चैन से मरने नही देता… बिछड़े तो अजब प्यार जताता है खतों मे, मिल जाए तो फिर हद से गुजरने नही देता… !!!
थोड़ी सी खुद्दारी
थोड़ी सी खुद्दारी भी लाज़मी थी उसने हाथ छुड़ाया ..मैंने छोड़ दिया |