हुस्न और इश्क

हुस्न और इश्क बहुत रोये गले मिल मिल कर…!! जाने क्या कह दिया दीवाने ने दीवाने से….

सबको हँसता ही

सबको हँसता ही देखना चाहता हूँ मैं, किसी को धोखे से भी रुलाना मेरी आदत नहीं।।

वाह रे जिन्दगी !

वाह रे जिन्दगी ! भरोसा तेरा एक पल का नहीं; और नखरे तेरे, मौत से भी ज्यादा ।

बेचैन निकलने को है

बेचैन निकलने को है, हसरत का जनाज़ा । है आखिरी मौक़ा, तुझे आना है तो आजा ।।

सभी के दामन में

सभी के दामन में दाग होते है, ये सुनकर लोग नाराज क्यों होते है??

सिर्फ बेहद चाहने से

सिर्फ बेहद चाहने से क्या होता है, नसीब भी होना चाहिए किसी का प्यार पाने के लिए।।

किसी का हो कर

किसी का हो कर, फिर से खुद का होना, बहुत मुश्किल होता है।।

अकेले कैसे रहा जाता है

अकेले कैसे रहा जाता है, कुछ लोग यही सिखाने हमारी ज़िन्दगी में आते हैं।।

है कोई वकील

है कोई वकील इस जहान में, जो हारा हुआ इश्क जीता दे मुझको।।

तुम आओ और कभी दस्तक दो

तुम आओ और कभी दस्तक दो इस दिल पर,..!! प्यार उम्मीद से कम निकले तो सज़ा-ऐ-मौत दे देना…!!

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