मुझे भी बुला लेना

तुम दुआ के वक़्त जरा मुझे भी बुला लेना… दोनों मिलकर एक दूसरे को मांग लेंगे…

Kaarobaar Hai Mera

Mat poocho, kyaa kaarobaar hai mera…….. Mohabbat bechta hoon main…… Aaj ke in nafraton ke baazaron mein………

मतलब था ना वास्ता

मेरी जिन्दगी में झाँक कर तुम यूँ चले गये ना मतलब था ना वास्ता,कोई बात बर न थी….

मत सोच इतना

मत सोच इतना जिन्दगी के बारे में , जिसने जिन्दगी दी है उसने भी तो कुछ सोचा होगा…!!

जो फरेबी हैं

सियासत हो या मोहब्बत…”यारो…!”.. जीतता वही हे जो फरेबी हैं….!

इतना आसान नहीं

रात भर गहरी नींद आना इतना आसान नहीं… उसके लिए दिन भर “ईमानदारी” से जीना पड़ता हैं….!!

अपने बेजान चेहरे

न दिल न ज़ज्बे न जोशे उल्फत, तकल्लुफन मुस्करा रहा है. वो अपने बेजान चेहरे पे, जानदार चेहरे सजा रहा है.

अपनी यादों को ज़रा

समझा दो तुम, अपनी यादों को ज़रा… … वक़्त बे-वक़्त तंग करती हैं मुझे, कर्जदारों की तरह ।

वो खुदा से

वो खुदा से क्या मोहब्बत कर सकेगा..! जिसे नफरत है उसके बनाये बन्दों से..!

मिन्नते फकिरो से

में करता हुं मिन्नते फकिरो से अकसर…….. …. जो ऐक पैसे में लाखो की दुआ दे जाते है…!!

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