नशेमन ही के लुट जाने का ग़म होता तो क्या ग़म था, यहाँ तो बेचने वाले ने गुलशन बेच डाला है।
Category: गुस्ताखियां शायरी
बच्चे झगड़ रहे थे
बच्चे झगड़ रहे थे मोहल्ले के जाने किस बात पर, सूकून इस बात का था न मंदिर का ज़िक्र था न मस्जिद का.
कोई चाहता है
हर कोई चाहता है कि सब उसकी तारीफ़ करें पर ? यह इच्छा अंतिम संस्कार वाले दिन ही पूरी होती है
सम्मान हो या सामान
तब तक कमाओ…जब तक “महंगी” चीज “सस्ती” ना लगने लगे ! चाहे वो सम्मान हो या सामान….!!
Bahut Jald Hi
sabar rkhho bahut jald hi mehsoos hoga….tumhe .. mera hona kya tha our mera naa hona kya hei…
कोई बात नहीं
आपने तीर चलाए तो कोई बात नहीं, हमने जख्म दिखाए तो बुरा मान गए।
बुरी सोचों के
बुरी सोचों के कारोबार में इतनी कमी तो है कमाई होती है, बरक़त नहीं होती कमाई में .
तुम एक महंगे
तुम एक महंगे खिलोने हो और मै एक गरीब का बच्चा, मेरी हसरत ही रहेगी तुझे अपना बनाने की !!
Khud Hi Soch
tere siva me kisi or ka kese ho skta hu, tu khud hi soch tere jesa koi or h kya
सवालों में ही
सवालों में ही रहने दो मुझको… यकीं मानिए… मैं जवाब बहुत बुरा हूँ…