जिन्दगी की हर कहानी बेअसर हो जायेगी, हम ना होंगे तो ये दुनिया दर-बदर हो जायेगी।
Category: गुस्ताखियां शायरी
बहुत गुरुर है
बहुत गुरुर है दरिया को अपने होने पर, जो मेरी प्यास से उलझे तो धज्जियाँ उड जाये।
इश्क़ की अदालत
इश्क़ की अदालत का ये फ़ैसला अनोखा हैं… सज़ा ए उम्र उसी को जिसने खाया धोखा है…
जिनका कोई वजूद नहीं…
सच्ची मुहब्बत और उम्मीद-ए-वफ़ा… कुछ अहसास हैं जिनका कोई वजूद नहीं…
प्रशंसा चाहे कितनी भी करो
प्रशंसा चाहे कितनी भी करो किन्तु अपमान बहुत सोच समझकर करना चाहिये क्योंकि अपमान वो ऋण है जो हर कोई अवसर मिलने पर ब्याज सहित चुकाता अवश्य है।
अपनी हालात का
अपनी हालात का ख़ुद अहसास नहीं है मुझको मैंने दोस्तो से सुना है कि परेशान हूं मैं|
वो शख़्स जो
वो शख़्स जो आज मुहब्बत के नाम से बौखला गया…. किसी जमाने में एक मशहूर आशिक़ हुआ करता था….
ना किया कर
ना किया कर अपने दर्द को शायरी में बयान ऐ दिल….. कुछ लोग टूट जाते हैं इसे अपनी दास्तान समझकर…….
मेरी गली मेरे घर में है
जो बात मेरे गाँव मेरी गली मेरे घर में है। उसके जैसा कुछ भी कहाँ तेरे शहर में है।
जिसको जो कहना
जिसको जो कहना है कहने दो अपना क्या जाता है, ये वक्त-वक्त कि बात है साहब, सबका वक्त आता है..