तेरे होठो को

तेरे होठो को जबसे चखा है, कच्ची इमली भी मीठी लगती है|

ढूँढ़ा है अगर

ढूँढ़ा है अगर जख्मे-तमन्ना ने मुदावा, इक नर्गिसे-बीमार की याद आ ही गई है।

तू मांग तो सही

तू मांग तो सही अपनी दुआओं में बददुआ मेरे लिए, देखना मैं हंसकर खुदा से आमीन कह दूंगा..!!

सारे सुने सुनाये है

लफ्ज़ तो सारे सुने सुनाये है,अब तु मेरी ख़ामोशी में ढुँढ जिक्र अपना..

तुम आँख कि बरसात

तुम आँख कि बरसात बचाए हुए रखना…. कुछ लोग अभी….आग लगाना नही भुले

दिल के सच्चे कुछ

दिल के सच्चे कुछ एहसास लिखते है, मामूली शब्दों में ही सही,कुछ खास लिखते हैं|

कभी नूर-ओ-रँग

कभी नूर-ओ-रँग भरे चेहरे से इन घनी जुल्फोँ का पर्दा हटाओ,जरा हम भी तो देखेँ, आखिर चाँद होता कैसा है….!!!

हो गई थी

हो गई थी कुछ इस कदर करीब तू मेरे, के अब इन फासलों में भी तेरी खुशबु आती है..!!

इस तरह छूटा घर

इस तरह छूटा घर मेरा मुझसे… मैं घर अपने आकर,अपना घर ढूँढता रहा…

नजर झुका के

नजर झुका के जब भी वो,गुजरे है करीब से…. हम ने समझ लिया की आज का आदाब अर्ज हो गया.

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