किन लफ्ज़ों में

किन लफ्ज़ों में बयाँ करूँ मैं एहमियत तेरी.. तेरे बिन अक्सर मैं अधुरा लगता हूँ..

तू सचमुच जुड़ा है

तू सचमुच जुड़ा है गर मेरी जिंदगी के साथ, तो कबूल कर मुझको मेरी हर कमी के साथ !!!

कहाँ मिलता है

कहाँ मिलता है कभी कोई समझने वाला… जो भी मिलता है समझा के चला जाता है…

फकीरों की मौज का

फकीरों की मौज का क्या कहना साहब, राज ए मुस्कराहट पूछा तो बोले सब आपकी मेहरबानी है !!

कोई ठुकरा दे तो

कोई ठुकरा दे तो हँसकर जी लेना, क्यूँकि मोहब्बत की दुनिया में ज़बरदस्ती नहीं होती|

सब सो गए अपना दर्द

सब सो गए अपना दर्द अपनो को सुना के, मेरा भी कोई अपना होता तो मुझे भी नीद आ जाती…

सोचा ही नहीं था..

सोचा ही नहीं था.. जिन्दगी में ऐसे भी फ़साने होगें…!! रोना भी जरूरी होगा.. और आँसू भी छुपाने होगें…!!!

जरा सम्भल के

जरा सम्भल के रहना उन इंसानो से दोस्तों…. जिन के दिल मे भी दिमाग होता है…!!

तुम बेशक चले गये

तुम बेशक चले गये हो इश्क का स्कूल छोड़कर, हम आज भी तेरी यादों की क्लास में रोज़ हाजरी देते है|

दीवार क्या गिरी

दीवार क्या गिरी मेरे कच्चे मकान की, लोगों ने मेरे घर से रास्ते बना लिए

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