मंदिर में वो भगवान है जिसे हमनें बनाया, और घर में माँ बाप है जिन्होनें हमें बनाया…
Category: मौसम शायरी
उलझनों और कश्मकश में
उलझनों और कश्मकश में.. उम्मीद की ढाल लिए बैठा हूँ.. ए जिंदगी! तेरी हर चाल के लिए.. मैं दो चाल लिए बैठा हूँ | लुत्फ़ उठा रहा हूँ मैं भी आँख – मिचोली का … मिलेगी कामयाबी, हौसला कमाल का लिए बैठा हूँ l चल मान लिया.. दो-चार दिन नहीं मेरे मुताबिक.. ये गहराइयां, ये… Continue reading उलझनों और कश्मकश में
कुछ शब्द हि
कुछ शब्द हि तो थी ये जिन्दगी मेरी ..तूने साथ मिलकर कहानी बना दी …!!
बुरे दिनों में
बुरे दिनों में कर नहीं कभी किसी से आस परछाई भी साथ दे, जब तक रहे प्रकाश
मोहब्बत केअफसानें
अल्फाज़ों में क्या बयाँ करे अपनी मोहब्बत के अफसानें हमारे दिल में तो वो ही वो है, उनके दिल की खुदा जाने..”
कितनी ज़ालिम है
ये बारिश भी कितनी ज़ालिम हे जो यूँ ही आकर चली जाती है… .. याद दिलाती है मेरे मेहबूब की.. और भिगोकर मुझे चली जाती है……
मैं अक्सर अपनी
मैं अक्सर अपनी पेंसिल की नोक तोड़ दिया करता था..| क्योंकि क्लास में शार्पनर लाने वाली वो अकेली लड़की थी..
मेरी डायरी के पन्ने
मेरी डायरी के पन्ने बोलते बहुत हैं मै राज छुपाता हूं , ये खोलते बहुत हैं। दिल के शहर का दिल ही, दुश्मन बना मिलता है दिल में रहने वाले दिल तोड़ते बहुत है। वैसे तो लोग प्यार झूठ से करते बहुत है बात दिल दुखाने की हो तो सच बोलते बहुत है। तड़पते है,… Continue reading मेरी डायरी के पन्ने
बदल जाता है
एक तेरे ना होने से बदल जाता है सब कुछ कल धुप भी दीवार पे पूरी नही उतरी-
मैं तबाह हूँ
मैं तबाह हूँ तेरे प्यार में तुझे दूसरों का ख्यालहै….!!! कुछ तो मेरे मसले पर गौर कर मेरी जिन्दगी का सवाल है….!!!