मेरी डायरी के पन्ने बोलते बहुत हैं
मै राज छुपाता हूं , ये खोलते बहुत हैं।
दिल के शहर का दिल ही, दुश्मन बना मिलता है
दिल में रहने वाले दिल तोड़ते बहुत है।
वैसे तो लोग प्यार झूठ से करते बहुत है
बात दिल दुखाने की हो तो सच बोलते बहुत है।
तड़पते है, मचलते है, जुदा जब होते हैं
जाते जाते वो बार बार लोटते बहुत है।
बचने की उम्मीद पे पानी फिर जाता है
हुस्न देखकर दिल डोलते बहुत है।
चलो गमों को ही घर का रास्ता बता दूं
खुशी के लम्हे साथ छोडते बहुत हैं।