दर्द बहुत वफ़ादार होता है… काश इसे देने वाले में भी ये बात होती…
Category: प्यार
गाँव की गलियाँ
गाँव की गलियाँ भी अब सहमी-सहमी रहती होंगी , की जिन्हें भी पक्की सड़कों तक पहुँचाया वो मुड़के नहीं आये..!!
कहानी जब भी
कहानी जब भी लिखूंगा अपनी उजड़ी हुई ज़िन्दगी की सबसे मजबूत किरदार में तेरा ही ज़िक्र होगा..!!
इकट्ठा कर लिए
इकट्ठा कर लिए हथियार जितने लड़ने वालों ने….!! इकट्ठे करते इतने फूल तो दुनिया महक जाती…..!!
कल ही तो तौबा की
कल ही तो तौबा की मैंने शराब से… कम्बख्त मौसम आज फिर बेईमान हो गया।।
बदल जाते हैं
बदल जाते हैं वो लोग वक्त की तरह; जिन्हें हद से ज्यादा वक्त दिया जाता है!
ना ढूंढ मेरा किरदार
ना ढूंढ मेरा किरदार दुनिया के हुजूम में, “वफ़ादार” तो हमेशा तनहा ही मिलते हैँ…
वो जो निकले थे
वो जो निकले थे घर से मशालें लेकर बस्तियां फूकने, अँधेरे मकान में अपनों को अकेला छोड़ आये हैं|
दिल से ज्यादा
दिल से ज्यादा महफूज़ जगह कोई नही मगर, सबसे ज्यादा लोग यहीं से ही लापता होते हैं।
घर की इस बार
घर की इस बार मुकम्मल मै तलाशी लूँगा ग़म छुपा कर मेरे माँ बाप कहाँ रखते है..