तू भले ही रत्ती भर ना सुनती है मै तेरा नाम बुदबुदाता रहता हूँ
Category: दर्द शायरी
मेरा सब से बड़ा डर
मेरा सब से बड़ा डर यह है, कि कहीं आप मुझे भूल तो नहीं जाओगे !!
मुझे कहाँ से
मुझे कहाँ से आएगा लोगो का दिल जीतना …!! मै तो अपना भी हार बैठी हूँ..!!
उम्र भर ख़्वाबों की
उम्र भर ख़्वाबों की मंज़िल का सफ़र जारी रहा, ज़िंदगी भर तजरबों के ज़ख़्म काम आते रहे…
लफ़्ज़ों से ग़लतफ़हमियाँ
लफ़्ज़ों से ग़लतफ़हमियाँ बढ़ रहीं है चलो ख़ामोशियों में बात करते हैं.
पाया भी उन को
पाया भी उन को खो भी दिया चुप भी हो रहे, इक मुख़्तसर सी रात में सदियाँ गुज़र गईं…
कोई होंठों पे
कोई होंठों पे उंगली रख गया था… उसी दिन से मैं लिखकर बोलता हुँ|
उसने ऐसी चाल चली के
उसने ऐसी चाल चली के मेरी मात यकीनी थी, फिर अपनी अपनी किस्मत थी, हारी मैं, पछताया वो…..!!!!!!
अजीब तरह से
अजीब तरह से गुजर रही हैं जिंदगी…!!! सोचा कुछ, किया कुछ, हुआ कुछ, मिला कुछ..!!!
ये तो कहिए इस ख़ता की
ये तो कहिए इस ख़ता की क्या सज़ा, ये जो कह दूं के आप पर मरता हूं मैं।।