मंजर का पसमंजर देख सहरा बीच समंदर देख……….! एक पल अपनी ऑंखें मूंद एक पल अपने अंदर देख…………!
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हमसे इश्क़ करके
परेशां है वो हमसे इश्क़ करके वफादारी की नौबत आ गई है….
अधूरी न लिखा कर
ए खुदा अगर तेरे पेन की श्याही खत्म है तो मेरा लहू लेले, यू कहानिया अधूरी न लिखा कर
तुझे भी इजाजत है
सब छोड़े जा रहे है आजकल हमें,,,,, ” ऐ जिन्दगी ” तुझे भी इजाजत है,,,, जा ऐश कर…ll
मुमकिन नहीं की
कोई तो लिखता होगा इन कागजों और पत्थरों का भी नसीब । वरना मुमकिन नहीं की कोई पत्थर ठोकर खाये और कोई पत्थर भगवान बन जाए । और कोई कागज रद्दी और कोई कागज गीता और कुरान बन जाए ।।
यह परिणाम है
कदम निरंतर बढते जिनके , श्रम जिनका अविराम है , विजय सुनिश्चित होती उनकी , घोषित यह परिणाम है !
तेरी हो जाए
कभी आग़ोश में यूँ लो की ये रूँह तेरी हो जाए।
छोटे से दिल
इस छोटे से दिल में किस किस को जगह दूँ , गम रहे, दम रहे, फ़रियाद रहे, या तेरी याद रहे..
अब उठती नहीं हैं
अब उठती नहीं हैं आँखें, किसी और की तरफ … पाबन्द कर गयीं हैं शायद, किसी की नज़रें मुझे !
दिल उसकी याद में
रात भर जलता रहा ये दिल उसकी याद में , समझ नही आता दर्द प्यार करने से होता है या याद करने से …