इज्ज़त हो या धोखा

जैसा दोगे वैसा ही पाओगे.. फ़िर चाहे इज्ज़त हो या धोखा..!!

उस मोड़ से

उस मोड़ से शुरू करें चलो फिर से जिंदगी हर शय हो जहाँ नई सी और हम हो अज़नबी

बचपन बड़ा होकर

बचपन — बड़ा होकर पायलट बनूँगा, डॉक्टर बनूँगा या इंजीनियर बनूँगा…. जवानी — “अरे भाई वो चपरासी वाला फॉर्म निकला की नही अभी तक

मुझे देख के

मुझे देख के न मुस्कुरा ज़रा मुस्कुरा के देख ले

समझ में नहीं आते

अच्छी किताबें और सच्चे लोग तुरंत समझ में नहीं आते

खाली खाली सा

मैदान मोहल्ले का, जाने कब से खाली खाली सा है कोई मोबाइल शायद बच्चों की गेंद चुराकर ले गया

ज़िन्दगी के हाथ

ज़िन्दगी के हाथ नहीं होते.. लेकिन कभी कभी वो ऐसा थप्पड़ मारती हैं जो पूरी उम्र याद रहता हैं

दोस्ती कीमती है

लेकिन दोस्ती कीमती है, केवल मुश्किल में नहीं , बल्कि जीवन के सुखद क्षणों में भी, और धन्यवाद है उस उदार व्यवस्था को कि जीवन का बड़ा हिस्सा सुखद होता है.

मुझे भी बुला लेना

तुम दुआ के वक़्त जरा मुझे भी बुला लेना… दोनों मिलकर एक दूसरे को मांग लेंगे…

मिन्नते फकिरो से

में करता हुं मिन्नते फकिरो से अकसर…….. …. जो ऐक पैसे में लाखो की दुआ दे जाते है…!!

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