देख रहीं हैं

देख रहीं हैं खामोश नज़रें तुम्हारा झूठ का नज़रअंदाज़ करना…!!

तेरा ऐसे आने से

ले चला जान मेरी रूठ के जाना तेरा ऐसे आने से तो बेहतर था न आना तेरा।।।।

पसीना बना दे

मुकद्दर एक रोज जरुर बदलेगा बस इतना कर, जिस्म मैं दौड़ते लहू को माथे का पसीना बना दे

शिकायते तो बहुत है

शिकायते तो बहुत है तुझसे ए जिन्दगी; पर जो दिया तूने, वो भी बहुतो को नसीब नही….

हार की परवाह

हार की परवाह करता,तो मै जीतना छोड़ देता…लेकिन “जीत” मेरी ‘जिद’ है,और जिद का मै बादशाह हूँ…!

सपने बेच दिये..

भूख मिटाने की खातिर, हमने सपने बेच दिये…?

डिब्बे में छुपाए थे

माँ ने कुछ पैसे, आटे के डिब्बे में छुपाए थे….. ख्वाब कुछ मेरे ,ऐसे पकाए थे.

बेटा मज़े में है

बरबाद कर दिया हमें परदेस ने मगर माँ सबसे कह रही है कि बेटा मज़े में है

कितना मुश्किल है

कितना मुश्किल है मनाना उस शख्स को .. !! जो रूठा भी ना हो और बात भी ना करे .. !!

क्षमा चाहते हैं

दुसरो को उतनी ही जल्दी क्षमा करो, जितनी जल्दी आप ऊपर वाले से अपने लिए क्षमा चाहते हैं।

Exit mobile version