इतना ग़ुरूर है

ये जो ” इनको ” इतना ग़ुरूर है… सब मेरी ” तारीफों ” का क़ुसूर है…..

मोहब्बत से तौबा

आज फिर की थी, मैने मोहब्बत से तौबा… आज फिर तेरी तस्वीर देखकर नीयत बदल गयी….

तजुर्बे उम्र से नहीं

तजुर्बे उम्र से नहीं…. हालातों से होते हैं

Nazro’n me Qaid rehne de

Nazro’n me Qaid rehne de Ae berukkhhh.. Aankhon sy judaa hoke bhi Tere hi aashkk he..!

महफिल भी सजी है सनम भी..

महफिल भी सजी है सनम भी… हम कन्फ्युज हैं… इश्क करें या शायरी।

निकाल के जिस्म से

निकाल के जिस्म से जो अपनी जान देता है… बङा ही मजबूत है वो पिता जो कन्या दान देता है !!

हमेशा बादशाह समझा

मैंने अपने आप को हमेशा बादशाह समझा, एहसास तब हुआ जब तुझे माँगा फकीरों की तरह।

किसी दिन देख कर

किसी दिन देख कर मौका मुक़द्दर मार डालेगा , किनारा हूँ मैं जिसका वो समंदर मार डालेगा. इबादत में नहीं लगता है दिल ये सोच कर मेरा, जिसे में पूजता हूँ वो ही पत्थर मार डालेगा . लड़ा मैं जंगे मैदां उम्र भर तलवार के दम पर, कहाँ मालूम था छोटा सा नश्तर मार डालेगा.… Continue reading किसी दिन देख कर

मोहब्बत करते हैं

हम भी मोहब्बत करते हैं पर बोलते नही.. क्योकि रिश्ते निभाते है तौलते नही.

तेरे हुस्न पर

तेरे हुस्न पर तारीफ भरी, एक किताब लिख देता काश की तेरी वफ़ा भी , तेरे हुस्न के बराबर होती

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