तुम खुद ही

मेरी नजर से कभी खुद को देखना, . तुम खुद ही खुद पे फिदा हो जाओगे…!!

धड़क रहा होगा

मेरा नाम लिखकर छूकर देखना कभी… कोई दिल वहाँ भी धड़क रहा होगा

हल निकलेगा आज

कोशिश कर, हल निकलेगा आज नही तो, कल निकलेगा। अर्जुन के तीर सा निशाना साध, जमीन से भी जल निकलेगा । मेहनत कर, पौधो को पानी दे, बंजर जमीन से भी फल निकलेगा । ताकत जुटा, हिम्मत को आग दे, फौलाद का भी बल निकलेगा । जिन्दा रख, दिल में उम्मीदों को, समन्दर से भी… Continue reading हल निकलेगा आज

मंजिल भी मिलेगी

मुश्किलें केवल बहतरीन लोगों के हिस्से में ही आती हैं…!! क्यूंकि वो लोग ही उसे बेहतरीन तरीके से अंजाम देने की ताकत रखते हैं..!! “रख हौंसला वो मंज़र भी आयेगा; प्यासे के पास चलकर समंदर भी आयेगा..! थक कर ना बैठ ए मंजिल के मुसाफ़िर; मंजिल भी मिलेगी और जीने का मजा भी आयेगा…!!”

सरे बदन को

सरे बदन को आँखें बनाकर राह तको.. … के सारा खेल ये मोहब्बत में, इंतज़ार का है ।

परवाह मत कीजिये

रास्ता ‘खूबसूरत’ है तो पता कीजिये.. किस ‘मंज़िल’ की तरफ जाता है! लेकिन, अगर ‘मंज़िल’ खूबसूरत हो तो कभी रास्ते की ‘परवाह’ मत कीजिये |

मेरे जख्मों को

आतिश ए राख हूँ बेशक बुझा बुझा सा लगता हूँ मैं…. मेरे जख्मों को हवा मत देना जमाना फूंक सकता हूँ मैं…

ज़िंदगी में शामिल हो

सुनो‬ तुम मेरी ज़िंदगी में शामिल हो ऐसे, – – मंदिर के दरवाज़े पर मन्नत के धागे हों जैसे..!!

झूठ बोलते हो

जाने कितने झूले थे फाँसी पर, कितनो ने गोली खायी थी क्यों झूठ बोलते हो साहब , की चरखे से आजादी आई थी

समझाना मुश्किल हो जाये

जहाँ दूसरे को समझाना मुश्किल हो जाये, वहाँ खुद को समझा लेना बहतर होता है ।

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