तुम न जाने किस किस को

तुम न जाने किस किस को अच्छे लगते हो, मेरे लिए तो तुम बस मुझे अपने लगते हो !!

आख़िरश दौड़ में

आख़िरश दौड़ में वोही जीता उसकी बैसाखियाँ सुनहरी थी|

आदत हुई भी

आदत हुई भी तो उसकी हुई.. जिससे तमाम उम्र हम परहेज करते रहे..!

चलते चलते थक कर

चलते चलते थक कर पूँछा पाँव के ज़ख़्मी छालों ने…. बस्ती कितनी दूर बना ली दिल में बसने वालों ने….

लोग आते हैं

लोग आते हैं मेरे घर की दरारें देखने, मुझ से मिलने के अक्सर बहाने कर के…!!

कामयाब लोग अपने फैसले से

कामयाब लोग अपने फैसले से दुनिया बदल देते है, और नाकामयाब लोग दुनिया के डर से अपने फैसले बदल देते है।

जब भी हक़ जता कर

जब भी हक़ जता कर देखा, मुझे हदें बता दीं गईं मेरी !!!

अगर दिल टूटे तो

अगर दिल टूटे तो मेरे पास चले आना ! मुझे बिखरे हुये लोगो से मोहब्बत बहुत है ….

मैं जो सब का

मैं जो सब का दिल रखती हूँ,,, सुनो मैं भी एक दिल रखती हूँ…

तुमसे मोहब्बत की

तुमसे मोहब्बत की होती तो शायद तुम्हें भुला भी देते, इबादत की है, मरते दम तक सजदे करेंगे..

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