माफ़ी चाहता हूँ गुनाहगार हूँ तेरा ऐ दिल…!! तुझे उसके हवाले किया जिसे तेरी कदर नहीं…!!
Tag: Pyari Shayari
जब कभी भी ख़वाब में
जब कभी भी ख़वाब में सहरा नज़र आया मुझे। तिश्नगी में हमें मेरे मौला बस तेरा चेहरा नज़र आया मुझे।।
ज़रा सी फैली स्याही है
ज़रा सी फैली स्याही है,ज़रा से बिख़रे हम भी हैं, काग़ज़ पर थोड़े लफ़्ज़ भी है छुपे हुए कुछ ग़म भी हैं…
जब कभी भी
जब कभी भी ख़वाब में सहरा नज़र आया मुझे। तिश्नगी का इक नया चेहरा नज़र आया मुझे।।
लिखता हूँ तो
लिखता हूँ तो बस तुम ही उतरते हो कलम से , पढ़ता हूँ तो लहजा भी तुम और आवाज़ भी तुम|
परिंदों को तो
परिंदों को तो खैर रोज कहीं से, गिरे हुए दाने जुटाने हैं पर वो क्यों परेशान हैं, जिनके भरे हुए तहखाने हैं|
पा सकेंगे न उम्र भर
पा सकेंगे न उम्र भर जिसको जुस्तुजू आज भी उसी की है।
अक्सर ज़माना छोङ देता है
मुसीबत में तो साथ अक्सर ज़माना छोङ देता है, जो अपना है वो पहले आना जाना छोङ देता है। हमारी दास्ताने जिन्दगी इक बार जो सुन ले, तो फिर वो जिन्दगी भर मुस्कराना छोङ देता है।
दुनिया से तनहा लड़ोगे….
दुनिया से तनहा लड़ोगे…. बच्चों सी बाते करते हो…..
जीत लेते हैं
जीत लेते हैं सैकड़ो लोगों का दिल शायरी करके..! लोगों को क्या पता अंदर से कितने अकेले हैं हम !!