एक हसीन पल

एक हसीन पल की जरूरत है हमें, बीते हुए कल की जरूरत है हमें, सारा जहाँ रूठ गया हमसे.. जो कभी ना रूठे ऐसे दोस्त की जरूरत है हमे

बैठे थे अपनी

बैठे थे अपनी मस्ती में के अचानक तड़प उठे, आ कर तुम्हारी याद ने अच्छा नहीं किया….

समझ नहीं पाता

किसी ने ज़हर कहा है किसी ने शहद कहा कोई समझ नहीं पाता है ज़ायका मोहब्बत का

वो शक्स रोज

वो शक्स रोज देखता है डूबते हुये सूरज को काश हम भी किसी शाम का मंजर होते

मासूमियत का कुछ

मासूमियत का कुछ ऐसा अंदाज़ था मेरे सनम का, उसे तस्वीर में भी देखूं तो पलकें झुका लेती थी….

बड़ी बेवफ़ा हो जाती

बड़ी बेवफ़ा हो जाती है ग़ालिब ये घड़ी भी सर्दियों में। पाँच मिनट और सोने की सोचो तो तीस मिनट आगे बढ़ जाती है।।

न समझ भूल

न समझ भूल गया हूँ तुझे , तेरी खुशबू मेरे सांसो में आज भी हैं !! मजबूरियों ने निभाने न दी मोहब्बत ! सच्चाई मेरी वाफाओ में आज भी हैं !!

दिल दे देंगे

कभी उदास बेठी हो तो बताना, हम फिर से दिल दे देंगे खेलने के लिए !!

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